“झटपट पैसा कमाना है, तो भारतीय शेयर बाजार में इन्वेस्ट करो।
“100 रुपये इन्वेस्ट करके हजारों कमाओ।”
ऐसे विज्ञापन हम रोजाना देखते है, सुनते है, लेकिन क्या सच में भारतीय शेयर बाजार में इन्वेस्ट करके हम इतने पैसे कमा सकते है। राकेश झुनझुनवाला जी की इंस्पायरिंग स्टोरी सुनकर भारतीय शेयर बाजार किसी आइडियल प्रोफेशन से कम नहीं लगता। आज हम आपको भारतीय शेयर बाजार से जुड़ी हर वह सही इन्फॉर्मेशन देने जा रहे है, जो आपको इन्वेस्ट करने की सही राह दिखा सकता है।
भारतीय शेयर बाजार है क्या? |What is Indian Share Market?- In Hindi
भारतीय शेयर बाजार एक ऐसा बाजार जहाँ पर देश भर की कंपनीज अपने शेयर को लिस्ट करती है, और ग्राहक द्वारा इसकी खरीदी बिक्री होती रहती है। इंडिया की बड़ी कम्पनियों के शेयर इस लिस्ट में शामिल होते है, जैसे कि टाटा, वोडाफ़ोन, रिलायन्स आदि। जिस भी कंपनी का शेयर हम खरीदते है, वह जितने भी प्रति शत है, उतने प्रति शत हम उस कंपनी के मालिक होते है। शेयर की कीमत कम और ज्यादा होती रहती है, और कंपनी के मुनाफे पर यह पूरी तरह से निर्भर है। समझिए आज हमने किसी कंपनी का शेयर 100 रुपये में खरीदा है, और कल कंपनी के प्रॉफिट की वजह से इसकी कीमत बढ़ गई तो हमें फायदा होता है, कीमत घट गई तो हमें नुकसान।
भारतीय शेयर बाजार के दो मुख्य प्रकार।
भारतीय शेयर बाजार के दो मुख्य प्रकार है,
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प्राइमरी मार्केट (Primary Share Market)
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सेकेंडरी मार्केट (Secondary Share Market)
प्राइमरी मार्केट (Primary Share Market)
यह एक ऐसी जगह है, जहाँ कंपनी खुद को रजिस्टर करती है, कुछ शेयर्स को बेचने के लिए इशू करती है। जिसका सरल अर्थ है कि, कंपनी मार्केट में खुद को लिस्ट करती है।
सेकेंडरी मार्केट (Secondary Share Market)
सेकेंडरी मार्केट में एक इन्वेस्टर दूसरे इन्वेस्टर से शेयर्स की खरीदारी और बिक्री करता है। प्राइमरी मार्केट से सिक्योरिटीज बेचने के बाद वह आती है सेकंडरी मार्केट में। आम तौर पर इन्वेस्टर ऐसी इन्वेस्टमेंट के लिए ब्रोकर का सहारा लेते है, जो दोनों मार्केट के बीच रहकर लेन देन का काम करता है।
BSE और NSE क्या है? | What is BSE and NSE ?-In Hindi
इंडिया में अगर हम इक्विटी भारतीय शेयर बाजार की बात करें तो, दो मुख्य स्टॉक एक्सचेंज है, पहिला BSE मतलब बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज और दूसरा NSE मतलब नेशनल स्टॉक एक्सचेंज। इंडिया में BSE और NSE सबसे बड़े स्टॉक एक्सचेंज माने जाते है, साथ ही हांगकांग, चीन, जापान के साथ पूरे एशिया में भी सबसे बड़े स्टॉक एक्सचेंज माने गए है।
NIFTY और SENSEX क्या है? | What is NIFTY and SENSEX?- In Hindi
सेंसेक्स ये शब्द सेंसिटिव इंडेक्स इन दो शब्दों पर आधारित है। सेंसेक्स बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज का ही एक बेंचमार्क है, जिसकी शुरुआत 1 जनवरी 1986 में हुई थी, जिसमें इंडिया की टॉप लिस्टेड 30 कंपनियों को शामिल किया गया था। सेंसेक्स इंडियन भारतीय शेयर बाजार में होने वाले उतार चढ़ाव को दर्शाने के लिए काफी महत्वपूर्ण है।
निफ़्टी नेशनल स्टॉक एक्सचैंज का इंडेक्स है। इसमें NSE में कारोबार करने वाली सबसे बड़ी और टॉप 50 कंपनियां शामिल है, जो अलग अलग 14 क्षेत्रों में शामिल है। निफ़्टी नेशनल और फिफ्टी इन दो शब्दों से जुड़कर बना हुआ है। निफ़्टी को निफ़्टी 50 के नाम से भी जाना है।
भारतीय शेयर बाजार के 4 फाइनेंसियल इंस्ट्रूमेंट्स है. | 4 financial instruments of Indian stock market- In Hindi
- बॉन्ड (Bind)
- शेयर्स (Shares)
- डेरिवेटिव्स (Derivatives)
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म्यूच्यूअल फण्ड (Mutual Fund)
बॉन्ड (Bind)
इसका मतलब है, दूसरों को पैसे उधार देकर इन्वेस्ट करना। इसे एक तरह से डेब्ट इंस्ट्रूमेंट भी कह सकते है।
शेयर्स (Shares)
शेयर्स की खरीदारी और बिक्री भारतीय शेयर बाजार में होती है। कंपनी दवारा लिस्ट किए गए शेयर्स को खरीदकर कुछ प्रति शत आप कंपनी के मालिक भी हो सकते है।
डेरिवेटिव्स (Derivatives)
शेयर्स की कीमत में उतार चढ़ाव लगा रहता है। डेरिवेटिव्स के मामले में ऐसा नहीं होता है। डेरिवेटिव्स आपको एक निश्चित कीमत पर खरीदारी, बिक्री और समझौता करने की अनुमति देता है.
म्यूच्यूअल फण्ड (Mutual Fund)
भारतीय शेयर बाजार और बांड में इन्वेस्ट करने का एक इनडाइरेक्ट जरिया है, म्यूच्यूअल फण्ड।
भारतीय शेयर बाजार में इन्वेस्ट कैसे करें? | How to invest in Indian stock market?-In Hindi
अगर आप प्राइमरी मार्केट में इन्वेस्ट कर रहे है, तो यह सारा प्रोसेस IPO द्वारा होता है। इस प्रोसेस में कंपनी को मिले हुए एप्लीकेशन कंपनी स्वीकार करती है। और इन्वेस्टर इन्ही शेयर्स को लेकर सेकंडरी मार्किट में शेयर्स की खरीदारी और बिक्री करते है।
अब अगर आपको सेकंडरी मार्किट में किसी इन्वेस्टर से शेयर्स खरीदने है, तो सबसे पहले आपको रजिस्टर करना पड़ता है जिसके लिए आपको एक डिमैट अकाउंट ओपन करना पड़ता है। अब इस डिमैट अकाउंट को जोड़ा जाता है, आपके बैंक अकाउंट के साथ जिससे सारी लेन देन प्रक्रिया होती है।
अब डिमैट अकाउंट में लॉग इन करने के बाद आपके सामने हजारों शेयर्स की लिस्ट होती है, जिसे आप खरीद या बेच सकते है। शेयर्स खरीदते समय आपको ध्यान में रखना है, की आपके बैंक में उतने पैसों का होना आवश्यक है।
अब आपको अपने शेयर्स की कीमत निश्चित करनी है, और खरीदार उन शेयर्स को खरीदने की प्रतीक्षा करनी है। इस लेन देन के बाद आपको शेयर्स या पैसे दोनों में से एक मिल जाता है। आपके व्यवहार पर यह निश्चित है।
डिमैट अकाउंट को खोलने के लिए आपको किन डाक्यूमेंट्स कीजरूरत होती है? |What documents do you need to open a demat account?In Hindi
डिमैट अकाउंट को खोलने के लिए आपको आवश्यक डाक्यूमेंट्स की लिस्ट नीचे दी गई है।
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आधार कार्ड
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पैन कार्ड
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पासपोर्ट साइज फ़ोटो
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कैंसल चेक ऑफ एक्टिव बैंक अकाउंट
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इनकम प्रूफ
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अड्रेस प्रूफ
भारतीय शेयर बाजार सीखें कैसे ? | How to learn Indian stock market ?-In Hindi1.
- किताबें पढें।
भारतीय शेयर बाजार से जुड़ीं स्टेटेर्गिज़ को समझने के लिए भारतीय शेयर बाजार की किताबें पढ़ना सबसे अच्छा और बेहतरीन ऑप्शन है। मार्केट में ऐसी हजारों किताबें उपलब्ध है, लेकिन कुछ सबसे अच्छे रेटिंग्स की किताबों पर थोड़ा रिसर्च करने के बाद आप समझ सकते है, की आपको कौन सी किताब पढ़नी चाहिए और कौन सी आपके लिए लाभदायक साबित होगी।
2. सलाहकार की सलाह ले।
एक भारतीय शेयर बाजार सलाहकार अपने इस फील्ड में प्राप्त सालों के अनुभव द्वारा आपको उचित सलाह ही देगा। जो चीजें कोई कोर्स या किताबें जितना सीखा सकती है, उससे ज्यादा अनुभव मायने रखता है। आपके परिचित सलाहकार से सलाह लेना भी भारतीय शेयर बाजार सीखने के लिए आवश्यक है।
3. ऑनलाइन कोर्सेस
भारतीय शेयर बाजार सीखने के लिए कई सारे ऑनलाइन कोर्सेस के विज्ञापन आप देखते ही होंगे। ऑनलाइन कोर्स आप अपने लैपटॉप या कंप्यूटर की माध्यम से पूरा कर सकते है। इससे भी एक बेगिनेर के रूप में आपको बेसिक्स के साथ स्टेटेर्गिज़ का भी नॉलेज मिल जाता है।
4. मार्केट को अच्छे से विश्लेषण करे।
जब मार्केट को एनालाइज करने की बात आती है, न्यूज़ सबसे बढ़िया ऑप्शन है। भारतीय शेयर बाजार से जुड़ी खबरों को लेकर रोजाना खुद को अपडेट रखें। भारतीय शेयर बाजार पर राजनीतिक, आर्थिक, और विश्व में घटने वाली घटनाओं का विशेष प्रभाव पड़ता है। एक सरल उपाय है, आप किसी भी कंपनी का स्टॉक लें और पिछले कुछ वर्षों में हुए स्टॉक्स के उतार चढ़ाव को देखें।
आशा है, की भारतीय शेयर बाजार को समझने के लिए हमारी यह जानकारी आपके लिए उपयुक्त होगी।